Apoorva Shukla

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लेखनी प्रतियोगिता वो चिट्ठियों का दौर था #प्रतियोगिता

वो चिट्ठियों का दौर था 
मोहब्बत अधूरी  ही सही पूरी थी.... 
मुलाकातें कम थी पर मुकम्मल थी
अधूरी बातों में ही दिल के अल्फाज समझ जाते थे
बातें कम थी,पर दिल की थी.... 
वो चिट्ठियों का दौर था 
मोहब्बत अधूरी  ही सही पूरी थी.... 
 इस ऑनलाइन जमाने में रिप्लाई की टाइमिंग
ही मोहब्बत की सच्चाई बन गई है... 
वहां महीनों एक खत का इंतजार हुआ करता था... 
फिर भी एक दूसरे के दिल में कितना प्यार हुआ करता था
ना रात के गुड नाइट ना सुबह की गुड मॉर्निंग थी.. 
फिर भी एक दूसरे के दिल में सिर्फ मोहब्बत की कहानी थी
वो चिट्ठियों का दौर था 
मोहब्बत अधूरी  ही सही पूरी थी.... 
वह कलम से अपने जज्बातों को बयां करना 
ऐसा जैसे कलेजा निकाल कर खत पर रखना.. 
अब तो भावनाएं भी इमोजी बताती हैं
मोहब्बत भी ऑनलाइन निभाई जाती हैं... . 
वो चिट्ठियों का दौर था 
मोहब्बत अधूरी  ही सही पूरी थी.... 

अपूर्वा शुक्ला ✍✍


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13 Comments

Gunjan Kamal

15-Nov-2022 05:25 PM

बहुत ही सुन्दर

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Punam verma

08-Nov-2022 09:37 AM

Nice

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Apoorva Shukla

08-Nov-2022 09:56 PM

Thanks

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Abhinav ji

08-Nov-2022 08:59 AM

Very nice👍

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Apoorva Shukla

08-Nov-2022 09:56 PM

Thanks

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